नई दिल्ली : खेल की बात चले और क्रिकेट का नाम न आए, ऐसा तो हो नहीं सकता. टेस्ट क्रिकेट और वन डे इंटरनेशनल दोनों का अपना अलग अंदाज़ है. जब से टी-20 क्रिकेट आया है, तब से दर्शक बस धूम धड़ाका चाहते हैं. दर्शकों की डिमांड हर बाल पर चौके-छक्के की रहती है. ये हैं 2016 के धूम धड़ाके वाले टॉप 5 हाईवोल्टेज T-20 मैच :
दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड, केपटाउन
2016 की शुरुआत में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के बीच खेले गये रोमांचक मैच की यादें अभी भी आपके जेहन में होंगी. जब दक्षिण अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. गेंदबाजों ने भी अपने कप्तान को सही साबित करते हुए इंग्लैंड टीम को 134 के स्कोर पर रोक दिया. इमरान ताहिर ने 4 ओवर में 21 रन देकर 4 विकेट लिए. लगा कि मुक़ाबला एकतरफा हो सकता है. परन्तु दक्षिण अफ्रीका की अच्छी शुरुआत के बावजूद पॉवर प्ले के लास्ट 2 ओवरों में क्रिस जोर्डन और बेन स्ट्रोक्स ने एबी डिविलियर्स और हाशिम अमला को चलता कर दिया. फाफ डू प्लेसी और जे पी डुमिनी रनों के लिए संघर्ष करते नज़र आए. डुमिनी रशीद का शिकार हो गये. डू प्लेसी, राइली रूसो, डेविड मिलर और डेविड विसे भी जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट गये. लास्ट ओवर में साउथ अफ्रीका को 15 रनों की दरकार थी. रीस टोपली गेंदबाजी के मोर्चे पर थे और सामने थे क्रिस मोरिस. मोरिस ने दूसरी और तीसरी गेंद पर चौका और छक्का लगाकर साउथ अफ्रीका को गेम में वापस ला दिया. चौथी गेंद खाली निकल गयी. पांचवी गेंद पर मोरिस ने दो रन ले लिये. लास्ट बॉल पर पूरा स्टेडियम ख़ामोश था. मैच रोमांच के चरम पर था और किसी भी तरफ जा सकता था. लोगों की थमती धडकनों के बीच बॉल फेंकी गयी. मोरिस ने लॉग ऑफ की तरफ बाल मारी. फ़ील्डर ने विकेट पर तेज़ थ्रो किया लेकिन विकेट के पास बाल पकड़ी न जा सकी . मोरिस ने जल्दी से दो रन लेकर रोमांचक मैच को दक्षिण अफ्रीका की झोली में डाल दिया.
साउथ अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया, जोहांसबर्ग
जोहांसबर्ग की पिच पर ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका का मैच हो तो रोमांच बढ़ ही जाता है. जी हाँ, ये 3 मैचों की सीरीज का पहला मैच था. टॉस ऑस्ट्रलियन कप्तान स्टीव स्मिथ ने जीता. दक्षिण अफ्रीका को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. दक्षिण अफ्रीका ने भी अपनी पारी में 204 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर स्कोरबोर्ड पर टांग दिया. जबाब में ऑस्ट्रेलिया की ख़राब शुरुआत हुयी. एरोन फिंच सस्ते में चलते बने. उनके साथ पारी शुरू करने आए वाटसन ने भी निराश किया और 15 गेंदों में 9 रन बनाकर पवेलियन लौट गये. 6 ओवर में 3 विकेट पर 32 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया की हालत ख़राब थी. वार्नर और मैक्सवेल ने मोर्चा संभाला. दोनों के आने बाद रनों की मानो बरसात शुरू हो गयी. मैक्सवेल 43 पर 75 और वार्नर 40 पर 77 ने टीम को वापस मैच में ला दिया. तभी मैच ने करवट ली और मैक्सवेल एबी डिविलियर्स को आसान कैच थमा बैठे. इसके अगले ही ओवर की पहली ही गेंद पर वार्नर कगिसो रबादा का शिकार हो गये. अफ्रीकन टीम की उम्मीदें फिर से जागीं. अंतिम 5 गेंदों पर 12 रनों की दरकार थी. विकेट पर जेम्स फाकनर और मिचेल मार्श मौजूद थे. 4 गेंदों पर 10 रन और बन गये. आखिरी गेंद पर दो रनों की ज़रुरत थी. 434 रन चेज़ का बदला लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया बेताब था. स्ट्राइक पर थे मिचेल मार्श और गेंदबाज़ी पर कगिसो रबादा. हाई वोल्टेज मैच में मिचेल मार्श ने 2 रन लेकर ऑस्ट्रेलिया को जीत के जश्न का मौका दे दिया.
भारत बनाम बांग्लादेश, बंगलुरू
वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में न्यूजीलैंड से हार चुके भारत को अगला मुक़ाबला जीतना बेहद ज़रूरी था. भारत ने पकिस्तान से अगला मुकाबला जीता. पर मुश्किलें अभी कम नही हुईं थी. टूर्नामेंट में बने रहने के लिए बांग्लादेश से जीतना ज़रूरी था. टॉस बांग्लादेश ने जीता और भारत को बल्लेबाज़ी का न्योता दिया. विराट कोहली और सुरेश रैना की उपयोगी पारियों ने 146 के स्कोर तक पहुँचाया. आश्विन ने पहली सफलता मिथुन का विकेट लेकर दिलाई. कसी गेंदबाज़ी की बदौलत भारत ने वापसी की. अंतिम ओवर में 11 रन बांग्लादेश को चाहिए थे. अनुभवी महमदुल्लाह और मशफिकुर क्रीज़ पर थे. आखिरी ओवर की पहली 3 गेंदों पर 9 रन बन गये. चौथी गेंद पर रहीम धवन को कैच थमा बैठे. अगली ही गेंद पर महमदुल्लाह भी चलते बने. 1 गेंद पर 2 रनों की ज़रुरत. गेंद ने बल्ले को तो नहीं छुआ फिर भी बल्लेबाज़ रन के लिए दौड़े. धोनी ने सब विफल कर दिया. धोनी दायें हाथ का ग्लब्स पहले ही निकाले हुए थे. शायद धोनी को बल्लेबाजों के दौड़ने का पहले से ही अंदाजा था. बल्लेबाज़ के दौड़ते ही गिल्लियां बिखेर दीं. भारत ने 1 रन से मैच जीत लिया.
इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज़, कोलकाता
2016 के ट्वेंटी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप में सभी की उम्मीदों के विपरीत इंग्लैंड फाइनल में पहुँच गया. मुकाबला वेस्टइंडीज़ से था. मैच के उतार-चढ़ाव को पार करते हुए इंग्लैंड ने 155 स्कोर बनाया. वेस्टइंडीज़ की पारी में जानसन चार्ल्स और गेल दूसरे ओवर में ही चलते बने. लेंडल सिमंस भी आउट होकर चले गये. स्कोर 11 रनों पर 3 विकेट हो गया. ब्रावो सैमुअल्स ने 75 रनों की साझेदारी कर टीम को उबारा. तभी ब्रावो आदिल रशीद का शिकार हुए. आंद्रे रसेल और डरेन समी भी सस्ते में लौट गये. एक छोर पर सैमुअल्स ने अर्धशतक पूरा किया. अंतिम ओवर में 19 रनों की दरकार थी. स्ट्राइक पर क्रैग ब्रैथवेट थे. पर ये क्या, क्रैग ब्रेथवेट ने ओवर की पहली 4 गेंदों पर 4 छक्के जड़कर इतिहास रच दिया. किसी को भी विश्वास नही हो रहा था कि ये आखिर हुआ क्या. पर जो होना था हो चुका था. इतिहास रचा जा चुका था. वेस्टइंडीज़ ने मैच के साथ वर्ल्ड कप भी जीत लिया था.
भारत बनाम वेस्टइंडीज़, फ्लोरिडा
यूएसए में क्रिकेट को प्रोमोट करने के लिए बीसीसीआई और डब्ल्यूआईसीबी ने फ्लोरिडा में T-20 सीरीज रखी. सीरीज के पहले मैच में ही वेस्टइंडीज़ ने 245 का पहाड़ सरीखा स्कोर खडा किया. एकतरफा लग रहे मुक़ाबले में भारत की पारी शुरू हुयी. भारत पांच ओवेरों में 48 रनों के साथ अजिंक्य रहाड़े और विराट कोहली के विकेट गँवा चुका था. रोहित का साथ देने युवा बल्लेबाज के एल राहुल आए. दोनों ने 7.1 ओवर में 89 रनों की साझेदारी कर डाली. पोलार्ड ने खतरनाक दिख रही साझेदारी का अंत रोहित का विकेट लेकर किया. लेकिन के एल राहुल बेखौफ़ अपने काम में लगे थे. 46 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. आखिरी ओवर में जीत के लिए 7 रनों की ज़रूरत थी. दुनिया के बेस्ट फिनिशर माने जाने वाले कप्तान धोनी ने मोर्चा संभाला. पर भारत 5 गेंदों में 5 रन ही बना सका. 1 गेंद पर 2 रनों की दरकार थी. गेंद ने धोनी के बल्ले का किनारा लिया और थर्डमैन पर खड़े सैमुअल्स ने कैच लेने में कोई ग़लती नहीं की. दूसरे छोर पर के एल राहुल नाबाद 110 रनों के साथ खड़े सब देखते रह गये. भारत मैच हार चुका था.