एलओसी पर पाकिस्तानी सेना का रवैया और घरेलु मामलों में उसके दखल से साफ नजर आता है कि पाक सेना जम्मू-कश्मीर में बढ़ती हिंसा का समर्थन करते हुए अपने मुल्क के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बांधना चाहती है। जहां एक तरफ नवाज शरीफ का झुकाव बातचीत की तरफ है, वहीं सेना सरकार के मंशा के खिलाफ भारत से अलग ही सुर में बात करना चाहता है।
पाकिस्तान का कहना है कि वो बिना किसी शर्त के भारत के साथ लगातार बातचीत के पक्ष में है, जिससे रिश्तों में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो। हालांकि, सेना द्वारा भारतीय जवानों के सिर काटना शरीफ के इरादों पर पानी फेरता है। पाकिस्तानी सेना के नीति से स्पष्ट के पाक में शरीप का कद काफी घट गया है। होली पर हिंदुओं को संदेश देना सेना प्रमुख के इरादों के सामने घुटने टेकते हैं।
पाक पीएम फिलहाल पनामा पेपर मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित जांच से जूझ रहे हैं। इसकी जांच दो सेना का अधिकारियों के हाथ में है, जो उनको और भी कमजोर बना रहा है। ऐसे में कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अगले चुनावों में शरीफ का पत्ता कटना तय है।
बताया जा रहा है कि सेना और शरीफ के बीच शीतयुद्ध सा माहौल जारी है। सुरक्षा समीक्षा लीक होने के बाद सरकार ने सेन से कहा कि आतंकियों को समर्थन देने की उसकी नीति से पाक की छवि को बेहद नुकसान हुआ है। भारतीय सैनिकों के सिर कलम करने से घाटी में अलगावादियों और जेहादियों को हौंसले और बुलंद हुए हैं। इस घटना का मकसद हिंदुस्तानी सेना को कमजोर दिखाना था, जिससे उसपर ज्यादा हमले किए जा सकें।
पाकिस्तानी भारत द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक और अन्य सैन्य ऑपरेशन के गणित के बाद ही अपना रुख आक्रामक कर रहा है। पाक का मानना है कि जहां भारतीय सरकार अर्थशास्त्र को मजबूत करना चाहती है, ऐसे में भारत पर धावा बोलने का यह मौका अच्छा है। आईएस जैसे संगठन पाक सेना को प्रेरित करते हैं। उनके इस तरह घुसपैठ करके हमला करने में कोई नुकसान नहीं है।