यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद प्रदेश में अब नई सरकार के गठन की कवायद शुरू कर दी गई है। पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले भाजपा के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ 18वीं विधानसभा के गठन के लिए एक-दो दिन के भीतर अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। वहीं इसके लिए शुक्रवार की शाम को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक भी बुलाई जा सकती है। जिसमें नई सरकार के गठन को लेकर फैसले लिए जा सकते हैं।
बता दें कि मौजूदा योगी सरकार का कार्यकाल 15 मई को समाप्त हो रहा है, लेकिन विधानसभा का चुनाव परिणाम आ चुका है। इसलिए होली के पहले ही नई सरकार के गठन का काम पूरा किया जा सकता है। इसके लिए मुख्यमंत्री पहले अपने पद से इस्तीफा पहले देंगे। नई सरकार के गठन को लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर चहल-पहल बढ़ गई है। राजभवन से लेकर सचिवालय तक के अधिकारियों का आना-जाना शुरू हो गया है। शाम को होने वाली कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट के इस्तीफे व नई सरकार के गठन को लेकर फैसला लिए जाने की संभावना है।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा संगठन के नेताओं का दिल्ली जाने का भी कार्यक्रम हैं। प्रधानमंत्री मोदी के गुजरात से लौटने के बाद सभी नेता दिल्ली जाएंगे और वहां पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक में नई सरकार के गठन और मुख्यमंत्री के शपथ लेने के कार्यक्रम के बारे फैसला लिया जाएगा। दिल्ली से लौटने के बाद विधायकों की बैठक में विधायक दल के नेता का चुनाव होगा और इसके बाद मुख्यमंत्री व मंत्रियों के शपथ ग्रहण के कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी।
सीएम ने अधिकारियों से साथ की बैठक
शुक्रवार की सुबह मुख्यमंत्री को बधाई देने के लिए उनके आवास पर भारी संख्या में नेता, विधायक अधिकारी व व्यापारी पहुंचे थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक करके आगे के कार्यक्रमों के बारे में विचार-विमर्श किया। बैठक में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार, राज्य संपत्ति अधिकारी डॉ. वीके सिंह और पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।